लोगों की राय

रहस्य-रोमांच >> घर का भेदी

घर का भेदी

सुरेन्द्र मोहन पाठक

प्रकाशक : ठाकुर प्रसाद एण्ड सन्स प्रकाशित वर्ष : 2010
पृष्ठ :280
मुखपृष्ठ : पेपर बैक
पुस्तक क्रमांक : 12544
आईएसबीएन :1234567890123

Like this Hindi book 0

अखबार वाला या ब्लैकमेलर?

वो एक क्षण ठिठका और फिर वोला-"आ गया न, प्यारयो?"

सुनील ने मुस्कराते हुए सहमति में सिर हिलाया।

"ऐसे ही तो नहीं कहा रवीन्द्रनाथ टैगोर ने कि यारां नाल बहारा मेले मित्तरां दे।"
सुनील की भवें उठीं।
 "की होया, मालको?"-रमाकान्त बड़ी मासूमियत से बोला।
"गुरुदेव अपने विचारों को अभिव्यक्ति बंगाली में देते थे, इंगलिश में देते थे लेकिन पंजाबी में भी देते थे, ये आज ही मालूम हुआ।"
"पंजाबी?"- रमाकान्त सकपकाया। ...
"हां। पंजाबी। जो अभी तुम्हारे मुखारविन्द से निकली। रवीन्द्रनाथ टैगोर उवाच के तौर पर"'

रमाकान्त ने यूं पलकें झपकाईं जैसे सुनील की बात को समझने में उसे दिक्कत हो रही हो। फिर एकाएक उसके चेहरे पर रौनक आयी और वो बोला- “ओह!"
"हां, यही लम्बी वाली ओह!"
"मालको, वो पंजाबी था या बंगाली, वड्डा आदमी तो था न! वड्डे आदमी वड्डी वात करते हैं। वड्डी और पते की। पते की और चौकस । चौकस और फिट। फिट और हिट। नहीं?"
"हां।"
"तेरा साईं जीवे। इसी बात पर एक राउन्ड और।"
"मेरे पास अभी है।"
"क्यों है? यार, तू चुसक चुसक के क्यों पीता है? मालगाड़ी की तरह ? बल्कि भैंसागाड़ी की तरह?" .
"मेरे उस्ताद ने मुझे ऐसे ही पीनी सिखाई थी।"
"तेरे उस्ताद ने! ओये, मेरे अलावा कौन पैदा हो गया। माईंयवा तेरा उस्ताद?"
"तुम्हें भी ऐसे ही पीनी चाहिये। तुम तो विस्की को उड़ेलते
हो गले में।"
“ओये कमलया, विस्की स्वाद के लिये नहीं, उसके असर के लिये पी जाती है। मैंने स्वाद के लिए कुछ पीना होगा तो रूहअफ्जा पीऊंगा, पेप्सी पीऊंगा, जूस पीऊंगा।"
"फिर भी...."
"क्या फिर भी? और जानता नहीं कि आज यूं पीने की वजह स्पेशल है। वो स्पेशल वजह न होती तो मैं यारी की खातिर तेरी चुसक चुसक कुबूल कर भी लेता।"
"क्या है स्पेशल वजह?"
"मुझे जुकाम होने वाला है।"
"होने वाला है?"
"मैं जुकाम की वार्निंग खूब पहचानता हूं इसलिये पहले से इलाज शुरू करना पड़ता है।"
“रमाकान्त, मैडीकल साईंस कहती है कि विस्की जुकाम टीक नहीं कर सकती।"
"कुबूल । लेकिन प्यारयो, मैडीकल साईंस भी तो जुकाम ठीक नहीं कर सकती।"
सुनील सकपकाया।

...Prev | Next...

<< पिछला पृष्ठ प्रथम पृष्ठ अगला पृष्ठ >>

लोगों की राय

No reviews for this book

A PHP Error was encountered

Severity: Notice

Message: Undefined index: mxx

Filename: partials/footer.php

Line Number: 7

hellothai